Saturday, June 13, 2009

एक बार देखने का प्रभाव

हरी
एक बार देखने का प्रभाव

अजामिल ने एक बार, सिर्फ़ एक बार, एक व्यक्ति को एक वैश्या के साथ जंगल में रमण करते देखा. उसका प्रभाव क्या हुआ ?? - वो पाप अजामिल की आंखों से मन में उतर गया. जिसके कारन अजामिल ने अपने माता - पिता की नही सुनी, पत्नी का छोड़ दिया, सारा धन वैश्या पर लुटा दिया, पाप से धन कमाने लगा, दुराचार के दलदल में धंसता ही चलागया. याद रहे अजामिल जाती से ब्रह्मण था. एक संग दोष ने कहाँ से कहाँ पहुँचा / गिरा दिया.

आज कल लोग टीवी / सिनेमा / इन्टरनेट पैर कितने ही न देखने वाले द्रश्य देखते हैं. क्या उसका प्रभाव नही पड़ता होगा. जरुर पड़ता है. तभी तो आज इतना व्यभिचार बढ़ गया है. छोटी सी उमर में ही बच्चों में कुवृतियाँ आजाती हैं...स्कूल - कॉलेज - गृहस्थ - सभ जगह व्यभिचार फैला है. काफी लोग अभी भी इससे बचे हैं. उन्होने ख़ुद को ग़लत संघ दोष से बचाया है.


- उपाय

पाप जो पहले हो गए उनका निवारण कैसे हो -
पाप का प्रायश्चित करने से - तप और व्रत करो, चान्द्रायण व्रत , एकादशी व्रत आदि। । सिर्फ़ व्रत से पाप निवृत हो जांयेंगे , लेकिन वासन की निवृत्ति नही होगी।

फ़िर वासना की निवर्ती किस्से होगी -
भगवन की भक्ति - पाप और पाप की वासना दोनों को ही नस्ट कर देती हैं।

एक बार संसार ( स - न - सार - अर्थात जिसमे सार नही) को देखने से इतना प्रभाव तो संत / गुरु / इश्वर के दर्शन का कितना प्रभाव पड़ता होगा। संसार से तार कर, सार में इसथित कर देता है।

तेरा दर्शन मैं करूँ गुरूजी बारम बार .....

अजामिल का उद्धार -
जब भगवन कृपा करते हैं तो संत से मिला देते हैं। उनका दर्शन और सत्संग दे देते हैं।
अजामिल के घर संत जान आये और कहाँ की तेरे हनी वाले बच्चे का नाम "नारायण" रख देना इतनी दक्षिणा देदे बस। इस दक्षिणा से संतों ने अजामिल के मोक्ष का द्वार खोल दिया। मरते वक्त यम् के दूतों को देख अजामिल डर गया और रक्षा के लिए अपनी बेटे को याद कर उसको नाम नारायण पुकारा...तो नाम के प्रभाव से भगवन के पार्षद आगये और (अगर भगवन को याद कर नारायण पुकारा होता तो श्री हरी स्वयं आजाते ) अजामिल की अकाल मृत्यु को ताल दिया - अजामिल को जीवन दान मिला । यह देख कर अजामिल संभल गया और आठ साल गंगा किनारे भगवन की भक्ति की और श्री हरी के धाम को प्राप्त किया।

जब ही नाम हृदय धर्यो भयो पाप को नाश
जैसे चिनगी आग की पड़ी पुराने घाश

तुलसी अपनी राम को रीझ बजो या खीझ
भूमि फेंके उपजेंगे उल्टे सीधे बीज

भगवन का नाम संसार से तारने में पूर्ण सक्षम है
कलियुग में तो नाम की और भी अधिक महिमा है ।
कलियुग केवल नाम आधार।

हरी ॐ